रेसलर सुशील कुमार ने साफ कर दिया कि वे अभी संन्यास नहीं लेने वाले हैं। उन्होंने न्यूज एजेंसी को दिए इंटव्यू में कहा कि लोगों को मेरे खेल के खत्म होने के बारे में लिखने की आदत है। लेकिन इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। सुशील ने कहा कि मैं अभी कहीं नहीं जा रहा हूं। 1 साल ओलिंपिक टलने का मतलब मुझे चौथी बार इन खेलों के लिए क्वालिफाई करने का अच्छा मौका मिला है। अधिक समय का मतलब बेहतर तैयारी होता है।
सुशील ने कहा- कुश्ती ऐसा खेल है कि अगर आप चोट से बचे रहते हैं, और लक्ष्य तय कर तैयारी करते हैं तो उसे हासिल कर सकते हैं। मैं अभी रोज दो बार प्रैक्टिस करता हूं। मैं मैट पर नहीं उतर रहा हूं, लेकिन खुद को फिट रखने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। भगवान ने चाहा तो ओलिंपिक के लिए जरूर क्वालिफाई करूंगा। इस पहलवान ने आगे कहा कि 2011 में भी लोग मेरे बारे में यही बात कर रहे थे। मुझे पता कि इसे कैसे संभालना है। यह मेरा रोज का काम है। 9 साल पहले भी आलोचक यह आशंका जता रहे थे कि सुशील बीजिंग के प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाएंगे। हालांकि, उन्होंने 2012 के लंदन ओलिंपिक में सिल्वर जीतकर सबकी बोलती बंद कर दी थी।
नरसिंह यादव दोबारा चुनौती पेश कर सकते हैं
ओलिंपिक 1 साल टलने की वजह से सुशील के पुराने प्रतिद्धंदी नरसिंह यादव भी ओलिंपिक रेस में शामिल हो गए हैं। उन पर लगा 4 साल का बैन इसी साल जुलाई में खत्म हो रहा है। इसके बाद वे भी ओलिंपिक क्वालिफिकेशन के लिए दावा पेश कर सकते हैं। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पहले ही यह कह चुका है कि वे नरसिंह को वापसी का मौका देंगे। फेडरेशन ने 2016 के रियो गेम्स में सुशील की जगह नरसिंह को तरजीह दी थी। हालांकि, बाद में डोप टेस्ट में वे फेल हो गए। तब सुशील की ट्रायल की मांग को फेडरेशन के साथ-साथ दिल्ली हाई कोर्ट ने भी ठुकरा दिया था और उन पर नरसिंह के खिलाफ साजिश तक का आरोप लगा था।
नरसिंह को दोबारा करियर शुरू करने की बधाई देता हूं: सुशील
इस बार नरसिंह से मुकाबला होने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि जब वक्त आएगा, तब इसे देखेंगे। फिलहाल, मैं उन्हें दोबारा करियर शुरू करने की बधाई देता हूं। सुशील 74 किलो वर्ग में दावेदारी पेश करते हैं। इसमें अभी तक किसी भी भारतीय पहलवान ने ओलिंपिक कोटा हासिल नहीं किया है। नरसिंह भी इसी भार वर्ग में ही उतरेंगे।