तेजस्वी का आरोप- बिहार सरकार ने 17 लाख मजदूरों को मरने के लिए छोड़ा

पटना. कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन है। इससे सबसे अधिक प्रभावित दिहाड़ी मजदूर हुए हैं। काम की तलाश में दूसरे राज्यों में गए बिहार के मजदूर फंस गए हैं। इसपर राजनीति भी हो रही है। 


राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ट्वीट कर बिहार सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने लिखा कि 17 लाख अप्रवासी बिहारी जहां फंसे हैं वहां की सरकारें उन्हें भेजना चाहती हैं, लेकिन बिहार सरकार उन्हें लाना नहीं चाहती। क्या राज्य ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है? क्या यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा नहीं है? नीतीश के एमपी वीआईपी पास लेकर दिल्ली से बिहार पहुंच सकते हैं, लेकिन मजदूर नहीं।
क्या है बिहार सरकार का स्टैंड?
पटना हाईकोर्ट ने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को लाने के संबंध में बिहार सरकार से जवाब मांगा था। इसपर बिहार सरकार ने कहा कि लॉकडाउन के चलते बिहार के 17 लाख से ज्यादा लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। लॉकडाउन के चलते इनको बिहार नहीं लाया जा सकता है। फौरी सहायता के तौर पर इनको भोजन, राशन और रुपए दिए जा रहे हैं।


बिहार लॉकडाउन और केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करेगा। लॉकडाउन की अवधि में दूसरे राज्य से किसी भी व्यक्ति को नहीं लाया जा सकता है। ऐसे लोगों को समुचित भोजन, राशन के साथ तत्काल 1-1 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। दूसरी तमाम तरह की समस्याओं को दूर करने की हरसंभव कोशिश जारी है। टेलीफोन, हेल्पलाइन नम्बर, मोबाइल एप बहुत पहले से जारी है।