विशेषज्ञों ने दी चेतावनी, गरीब देशों में हो सकती है ऑक्सीजन की कमी

वैज्ञानिक कोविड-19 का टीका विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं ऐसे में अस्पतालों में गंभीर रूप से संक्रमित लोगों को बचाने में ऑक्सीजन की अहम भूमिका है। इस महामारी की वजह से उन्नत स्वास्थ्य सेवा वाले देश भी समस्या का सामना कर रहे हैं और उनका ध्यान संक्रमितों को सांस लेने में मदद करने के लिए उच्च तकनीक आधारित जीवन रक्षा प्रणाली (वेंटिलेटर)पर है।
हालांकि, वैज्ञानिकों को भय है कि इससे मरीजों के प्रभावी इलाज की धारणा प्रभावित हुई हैं और गरीब व कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली वाले देशों के लिए गलत तस्वीर पेश की गई है। मेलबर्न विश्वविद्यालय अस्पताल और अंतरराष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य केंद्र में बालरोग विशेषज्ञ हमीश ग्रहाम कहते हैं, ‘वास्तविकता है कि अभी अफ्रीका और एशिया प्रशांत क्षेत्र में ऑक्सीजन एकमात्र थेरेपी है, जिससे लोगों की जान बचेगी।’


उन्होंने कहा, ‘मुझे भय है कि ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित किए बिना वेंटिलेटर पर ध्यान केंद्रित करने से मौती होगी। ’ उल्लेखनीय है कि चीन के हजारों मरीजों के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट फरवरी में आई थी जिसके मुताबिक करीब 20 फीसदी कोविड-19 मरीजों को ऑक्सजीन की जरूरत पड़ी थी। इनमें से 14 प्रतिशत मरीजों का सामान्य ऑक्सीजन थेरेपी की आवश्यकता पड़ी जबकि पांच प्रतिशत को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी।