वुहान में जिंदगी पटरी पर लौटी, लॉकडाउन खत्म, सभी उड़ानें बहाल

बीजिंग चीन में अब जिंदगी तेजी से सामान्य होने लगी है। कोरोना की जन्मस्थली वुहान में लॉकडाउन खुलते ही अब हवाई अड्डे भी खोल दिए गए और पहले ही दिन 221 विमानों की आवाजाही हुई। 7119 यात्री वुहान से अन्य शहरों के लिए रवाना हुए वहीं 4595 यात्री बाहरी शहरों से वुहान पहुंचे।
चीन के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि वुहान एयरपोर्ट पर सामान्य से थोड़ी कम लेकिन करीब एक तिहाई विमानों की आवाजाही शुरु हो गई है।


वुहान की आबादी तकरीबन एक करोड़ 10 लाख है और 76 दिनों के लॉकडाउन के बाद शहर जल्दी से जल्दी अपनी पुरानी रफ्तार पकड़ने की कोशिश कर रहा है। पहले दिन वुहान से 107 उड़ानों में 7119 लोग चीन के तीन प्रमुख शहरों चेंगड़ू, हाइकाउ और शेनजेन के लिए रवाना हुए। जबकि ग्वांगडांग और चेंगडू से 114 उड़ानों में 4595 यात्री वुहान पहुंचे।
‘चीन से मिलकर कोरोना से लड़े अमेरिका और विश्व समुदाय’
उधर अपने देश में हालात सामान्य होने के साथ ही चीन और अमेरिका दुनिया के तमाम देशों को कोविड-19 के बढ़ते खतरे से बचाने के लिए आगे आया है। अमेरिकी विशेषज्ञों की इस पहल का उसने स्वागत किया है, जिसमें चीन के साथ मिलकर इस महामारी से लड़ने और इसे शुरुआती दौर में खत्म कर देने की कोशिश करने की बात कही गई है।


अमेरिका के सौ से ज्यादा रणनीतिकारों ने चीन के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए एक बयान जारी किया है। इसे चीन ने एक सकारात्मक पहल मानते हुए इसके लिए अमेरिका की तारीफ की है। इससे पहले चीन और अमेरिका ने मिलकर इस महामारी से लड़ने के लिए और जरूरी मेडिकल उपकरण सप्लाई करने की बात की थी।


चीन का कहना है कि वायरस किसी देश की सीमा नहीं देखता और यह पूरी दुनिया के लिए एक जैसी चुनौती है। इसके लिए अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया को मिलकर और एक दूसरे पर भरोसा करके ही अभियान चलाना चाहिए। तभी यह जंग जीती जा सकती है।


अब अमेरिका भी ये मानने को मजबूर हो चुका है कि इस वक्त आपसी तकरारों और एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ से ज्यादा जरूरी है कि चीन से सीखा जाए।


दुनिया के कई देश भी मानते हैं कि ऐसे मुश्किल दौर में चीन पर आरोप मढ़ने से बेहतर है कि उससे मिलकर मानव जाति के लिए सबसे बड़े खतरे के तौर पर उभरी इस महामारी से लड़ने के लिए आगे आना चाहिए।