45 दिन तक फैक्टरी बंद होने से ऑटोमोटिव उद्योग को एक लाख करोड़ रुपए के नुकसान की आशंका

नई दिल्ली. कोरोनावायरस के कारण लागू लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार एक नया प्रस्ताव लेकर आई है। इस प्रस्ताव के तहत सरकार छोटे कारोबारियों को दिए जाने वाले लोन की 100 फीसदी गारंटी दे सकती है। सरकारी और बैंक अधिकारियों के हवाले से रॉयटर्स की यह रिपोर्ट में दावा किया गया है।


जल्द हो सकती है नई योजना की घोषणा


इस मामले से वाकिफ सरकारी अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार नई योजना के तहत माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को दिए जाने वाले लोन की 100 फीसदी गारंटी दे सकती है। इस योजना कके जरिए नेशनल क्रेडिट का एमएसएमई में इस्तेमाल हो सकेगा। दो बैंकरों के अनुसार इस योजना के तहत फंड का आकार तत्काल जरूरतों के आधार पर होगा। बैंकरों ने बताया कि कंपनी के साइज और रिस्क को देखते हुए गारंटी का साइज 25 से 100 फीसदी के बीच हो सकता है। सरकारी अधिकारी ने बताया कि लोन की कुल संख्या को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। इस योजना की घोषणा जल्द हो सकती है।


अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए कई कदम उठा रही है सरकार


कोरोनावायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मंद पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार कई उपाय कर रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश की कुल अर्थव्यवस्था में छोटे कारोबारों की एक-चौथाई के आसपास हिस्सेदारी है। इस सेक्टर में करीब 50 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है। ऐसे में इस सेक्टर की ग्रोथ को दोबारा शुरू करने के लिए सरकार बैंकों पर एमएसएमई को ज्यादा से ज्यादा लोन देने के लिए परोक्ष रूप से दबाव डाल रही है। लेकिन बैंक डिफॉल्ट के खतरे को देखते हुए सरकारी गारंटी के बगैर लोन देने के लिए तैयार नहीं हैं।


एमएसएमई सेक्टर में 12. 6 फीसदी बैड लोन


आरबीआई के डाटा के अनुसार, देश के बैंकों का इस सेक्टर पर 31 मार्च 2020 तक 4.91 लाख करोड़ रुपए का एक्सपोजर है। एमएसएमई सेक्टर में बैड लोन लगातार बढ़ रहा है और यह दिसंबर 2019 तक कुल लोन का 12.6 फीसदी हो गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक बैंकर बताया कि भविष्य की अनिश्चितता को देखते हुए छोटे कारोबारियों को लोन देने में ज्यादा खतरा है। इसीलिए हम एमएसएमई को दिए जाने वाले लोन के लिए सरकार से गारंटी देने को कह रहे हैं।