46 नए केस सामने आए, कुल संक्रमितों की संख्या 179 हुई, हॉटस्पॉट मोहल्ले से ही 113 लोग शामिल

 उदयपुर. सोमवार को शहर में 46 नए पॉजिटिव केस सामने आए। जो सभी हॉटस्पॉट बने कांजी का हाटा क्षेत्र के रहने वाले हैं, जिसमें 5 और 6 साल के दो बच्चे। 6 साल एक बच्ची भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा उम्र 70 साल के एक बुजुर्ग की है। इसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 179 पहुंच गई है। 


सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश खराड़ी ने बताया कि उदयपुर में 179 केस संक्रमित पाए गए हैं, जिसमें से 113 केस एक ही क्षेत्र के हैं। जिला प्रशासन की तरफ से जांच जारी है। इन 113 से क्लोज कॉन्टेक्ट में आए सभी की जांच की जा रही है। ये घनी आबादी वाला क्षेत्र है। जहां एक घर में कई लोग रहते हैं। ऐसे में किसी की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी संक्रमित न हो, इसके लिए क्वारैंटाइन में शिफ्ट किया जा रहा है। इस क्षेत्र में रैंडम सैंप्लिंग भी करवाई जा रही है। यहां के सब्जी विक्रेता और किराना विक्रेताओं की भी सैंप्लिंग की जा रही है। यहां इतने पॉजिटिव केस आने का एक ही कारण है कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन नहीं किया गया। 


5 दिन में 157 नए पॉजिटिव मिले


इससे पहले रविवार को उदयपुर में 30 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले। इनमें से 29 संक्रमित शहर और शेष एक महिला मेनार गांव की है। गौरतलब है कि उदयपुर में 6 मई तक सिर्फ 22 केस थे, जिसके बाद सिर्फ 5 दिन में 157 पॉजिटिव मिले। 


छोटे-छोटे कमरों में रहने के कारण संक्रमण का खतरा बना


कलेक्टर आनंदी के आदेश पर एपि सेंटर कांजी का हाटा के बच्चे, महिलाओं सहित 93 लोगों को पेसिफिक हॉस्टल देबारी में क्वारैंटाइन किया गया है, क्योंकि तंग गलियों और छोटे-छोटे कमरों में लोगों के रहने की वजह से संक्रमण का खतरा बना हुआ था। संक्रमितों में आरएनटी मेडिकल कॉलेज के एमबी अस्पताल का मेल नर्स और जनाना अस्पताल की फीमेल नर्स भी शामिल है। इससे पहले भी एमबी अस्पताल की दो फीमेल नर्स संक्रमित हो चुकी हैं।


नर्स, पुलिस, होमगार्ड, सफाईकर्मी सहित वे लोग संक्रमित हुए जो बाहर निकले
उदयपुर में कोरोना की चपेट में एमबी की तीन महिला नर्स और एक मेल नर्स, सलूंबर निवासी आरएसी जवान, होम गार्ड जवान, नगर निगम के 26 सफाईकर्मी और जमादार, मुंबई-अहमदाबाद में काम करने वाले मजदूर आए हैं।


पीपीई किट पहनकर पुलिस बनी है फ्रंट वॉरियर
उदयपुर के कर्फ्यूग्रस्त 7 थाना क्षेत्रों में संदिग्धों को निकालने, हॉस्पिटल और क्वारैंटाइन सेंटर में पहुंचाने के लिए खाकी के 28 जवान सफेद पीपीई कीट में फ्रंट वॉरियर की भूमिका निभा रहे हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि प्रदेश और देश के अलग-अलग हिस्सों में मेडिकल टीम के साथ मारपीट और पत्थरबाजी जैसी घटना यहां नहीं हो।