बदल रहा है वर्क कल्चर; सीईओ जैक डोर्सी के ऐलान के बाद जब तक चाहें वर्क फ्रॉम होम कर सकेंगे ट्विटर एम्प्लॉइज

कैलिफोर्निया. कोविड-19 की वजह से कई देशों में लॉकडाउन जारी है। ज्यादातर प्राईवेट सेक्टर और मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारी घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) कर रहे हैं। वर्क फ्राॅम होम कुछ कंपनियों को इतना पंसद आ रहा है कि आने वाले दिनों में वे इसे हमेशा के लिए अपना सकती हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर ने इसकी शुरूआत कर दी है। कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी ने कहा- हमारे कर्मचारी जबतक चाहें वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं।


ऑफिस में बरतनी होंगी विशेष सावधानियां
BuzzFeed की खबर के मुताबिक, डोर्सी ने मंगलवार को अपने कर्मचारियों को एक ई-मेल किया। कहा, महामारी खत्म होने के बाद भी जो कर्मचारी घर से काम करना चाहते हैं। उन्हें इसकी मंजूरी दी जा रही है। वे जब तक चाहें घर से काम कर सकेंगे। उन्हें वही सैलरी मिलती रहेगी जो सामान्य दिनों में दी जाती रही है। अगर कोई कर्मचारी ऑफिस आना ही चाहता है तो उसका स्वागत है। लेकिन, संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें कुछ खास ऐहतियात बरतने होंगे। 


कंपनी ने कहा- सितंबर से पहले नहीं खोल सकते ऑफिस


डोर्सी ने कहा- महामारी को देखते हुए सितंबर से पहले हम ऑफिस नहीं खोल सकते। हमने दिसंबर तक सभी इवेंट भी रद्द कर दिए हैं। इस दौरान कोई बिजनेस टूर भी नहीं होगा। साल के आखिर में 2021 में होने वाले इवेंट्स के बारे में प्लानिंग करेंगे।


5,000 कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम का विकल्प


ट्विटर हेड ऑफिस सैन फ्रान्सिस्को, कैलिफोर्निया में है। अटलांटा, न्यूयाॅर्क, लास एंजिल्स और अमेरिका के कई शहरों में भी इसके दफ्तर हैं। 20 देशों में ट्विटर के कुल 35 ऑफिस हैं। दिसंबर 2019 तक कंपनी में कुल स्थायी कर्मचारियों की संख्या 4,900 है। 5 हजार कर्मचारी अब रिटायरमेंट तक वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम कर सकेंगे।


गूगल और फेसबुक के कर्मचारी दिसंबर तक करेंगे वर्क फ्रॉम होम


गूगल ने पहले कहा था कि उसकी वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी 1 जून तक लागू रहेगी। अब इसमें सात महीने का इजाफा करने का फैसला किया है। वहीं, फेसबुक ने कहा है कि इसके दफ्तर 6 जुलाई को खुल जाएंगे। हालांकि, कर्मचारी दिसंबर के आखिर तक वर्क फ्रॉम होम करते रहेंगे।


फायदे में कर्मचारी


आमतौर पर कर्मचारियों को वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच तालमेल बिठाने में दिक्कतें होती हैं। लेकिन, लाइफटाइम वर्क फ्राॅम होम के चलते अब यह आसान हो जाएगा। कर्मचारी घर के कामों के साथ दफ्तर का काम भी कर सकेंगे।
इससे कंपनियों और कर्मचारियों दोनों का फायदा है। कर्मचारियों को दफ्तर में मिलने वालीं सुविधाओं जैसे पानी और बिजली बिल के अलावा किराया भी बचेगा। कर्मचारियों के दफ्तर पहुंचने से लेकर दूसरी एक्टिविटीज पर होने वाले खर्च को भी बचाया जा सकेगा।
एक स्टडी के मुताबिक, दफ्तर के मुकाबले कर्मचारी घर से ज्यादा बेहतर काम करते हैं। दफ्तर में कर्मचारी ब्रेक ज्यादा लेते हैं। वहीं, वर्क फ्राॅम होम में महीने में 1.4 दिन ज्यादा काम कर रहे हैं। प्रोडक्टिविटी भी बढ़ी है।