भारतीय अर्थव्यवस्था के करीब अमेरिका लेगा कर्ज, इस साल 3 लाख करोड़ डॉलर का उधार लेने का रखा है लक्ष्य

मुंबई. विश्व की महाशक्ति अमेरिका को इस साल ज्यादा उधार लेना पड़ रहा है। इस साल अमेरिका 3 लाख करोड़ डॉलर उधार लेगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के करीब है। 2019 में उसने 1.28 लाख करोड़ डॉलर उधार लिया था। यह राशि पिछली तिमाही रिकॉर्ड से पांच गुना अधिक है। बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था की साइज वर्तमान में 2.7 लाख करोड़ डॉलर की है।


अमेरिकी सरकार पर अब 25 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज


अमेरिका ने कोविड-19 राहत में लगभग 3 लाख करोड़ डॉलर को मंजूरी दी है। इसमें हेल्थ फंडिंग और डायरेक्ट पेआउट शामिल हैं। अमेरिकी सरकार पर अब कुल कर्ज 25 लाख करोड़ डॉलर के करीब है। नए उधार का अनुमान सरकार के पिछले अनुमान 3 लाख करोड़ डॉलर से ऊपर है। यह सरकार की नई दिशा औऱ इसके कार्यक्रमों के प्रभाव का संकेत है। आगे की सहायता को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। हालांकि कुछ रिपब्लिकन ने देश पर इतने बड़े कर्ज को लेकर चिंता भी व्यक्त कर रहे हैं।


सरकारी बॉन्ड बेचकर कर्ज लेता है अमेरिका


अमेरिका सरकारी बॉन्ड बेचकर कर्ज लेता है। इसने ऐतिहासिक रूप से कम ब्याज दरों पर कर्ज लिया है क्योंकि इसके डेट को दुनिया भर के निवेशकों द्वारा कम जोखिम के रूप में देखा जाता है। लेकिन कोविड-19 से पहले भी देश पर चढ़े कर्ज का बोझ काफी हद तक बढ़ गया था। कई अर्थशास्त्री इसे लंबी अवधि के विकास के लिए जोखिम भरा मानते हैं। अमेरिकी कांग्रेस के बजट कार्यालय ने पिछले महीने भविष्यवाणी की कि इस साल बजट घाटा 3.7 लाख करोड़ डॉलर तक गिर जाएगा। जबकि देश पर कर्ज जीडीपी के 100 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया।


आर्थिक झटके को बर्दाश्त करने के लिए हो रहा है खर्च


पिछले हफ्ते अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा था कि वह अमेरिकी सरकार को महामारी से पहले बेहतर स्थिति में देखना पसंद करेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब खर्च करना आवश्यक है, ताकि आर्थिक झटके को बर्दाश्त किया जा सके। क्योंकि कारोबार बंद करने के आदेश ने कम से 3 करोड़ लोगों की नौकरियां ले ली है। उन्होंने कहा कि अगर रिकवरी को मजबूत बनाना है तो अर्थव्यवस्था को हम सभी से और मदद की जरूरत होगी।


ट्रेजरी में यूएस फेड ने 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक की खरीदी की


फेडरल रिजर्व ने हाल में 1 लाख करोड़ डॉलर से अधिक की ट्रेजरी में खरीददारी की है। विदेशी निवेशक भी अमेरिकी कर्ज के महत्वपूर्ण फैक्टर हैं, जिसमें जापान, चीन और ब्रिटेन फरवरी माह में टॉप में शामिल थे। हाल के वर्षों में अमेरिका और चीन के बीच बढ़े तनाव ने अमेरिका के कर्ज की स्थिति को फिर से जांच के दायरे में ला दिया है। वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते चीन के लिए कर्ज को रद्द करने पर चर्चा की थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने से खारिज कर दिया था।