मुंबई. अग्रणी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) एचडीएफसी लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने निर्देश दिया है कि वह अपनी सब्सिडियरी में हिस्सेदारी को घटाए। इसके मुताबिक उसे अपनी जनरल बीमा और लाइफ बीमा कंपनियों एचडीएफसी अर्गो और एचडीएफसी लाइफ में हिस्सेदारी घटानी होगी। इन दोनों में कंपनी को हिस्सेदारी घटाकर 50 प्रतिशत के नीचे लाना होगा।
अपोलो म्युनिख के साथ हो गया था विलय
दरअसल हाल में एचडीएफसी अर्गो हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का अपोलो म्युनिख हेल्थ के साथ विलय हो गया था। आरबीआई ने निर्देश दिया है कि विलय के 6 महीने के भीतर कंपनियों में 50 प्रतिशत या उससे कम हिस्सेदारी करें। एचडीएफसी ने एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में बताया कि वर्तमान में एचडीएफसी अर्गो हेल्थ में उसकी 51.15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जबकि एचडीएफसी अर्गो में उसकी 50.58 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बता दें कि विलय के बाद वाली कंपनी ने एनसीएलटी के पास पिटीशंस फाइल किया है और उसकी मंजूरी का इंतजार कर रही है।
16 दिसंबर 2020 से पहले घटानी होगी हिस्सेदारी
आरबीआई ने इसी के साथ यह भी निर्देश दिया है कि एचडीएफसी लिमिटेड अपनी जीवन बीमा कंपनी एचडीएफसी लाइफ में भी हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे लाए। फिलहाल इस कंपनी में एचडीएफसी लिमिटेड की हिस्सेदारी 51.43 प्रतिशत है। इसे 16 दिसंबर 2020 से पहले हिस्सेदारी घटाना होगा। बता दें कि एचडीएफसी लिमिटेड की इन सब्सिडियरी में हिस्सेदारी घटाने से उसे पैसे मिलेंगे। कंपनी पहले ही अपनी एक अन्य सब्सिडियरी एचडीबी फाइनेंशियल का आईपीओ लाने की योजना बनाई थी।