नेपाल सरकार ने मई दिवस पर मजदूरों के लिए किया कई राहत पैकेज का एलान

काठमांडू नेपाल की कम्युनिस्ट सरकार ने मई दिवस के मौके पर मजदूरों के लिए ढेर सारे राहत पैकेज का एलान किया है। संगठित और असंगठित क्षेत्रों के लाखों मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ है और बेरोजगार हुए मजदूरों को रोजाना नकद या खाना मुहैय्या कराने जा रही है।
संगठित क्षेत्रों के लिए ओली ने टैक्स जमा करने की समय सीमा बढ़ाने और व्यवसायियों के लिए कर्ज देने का भी वादा किया है। नेपाल सरकार ने कोविड-19 राहत कोष में जमा की गई राशि के अलावा प्रधानमंत्री कृषि आधुनिकीकरण परियोजना समेत दूसरे विकास योजनाओं के फंड से भी इन क्षेत्रों को राहत दी जाएगी।
सरकार बेरोजगारों को असंगठित क्षेत्रों में रोजगार देने की भी योजना पर काम कर रही है। लॉकडाउन की वजह से पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से बंद पड़े उद्योगों और इससे बेरोजगार हुए मजदूरों को रोजाना की मजदूरी दी जाएगी और उन्हें अनाज भी दिया जाएगा।


स्थानीय सरकारें मजदूरों की दैनिक मजदूरी दर तय करेंगी।


संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए सरकार ने कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे बैसाख महीने तक कर्मचारियों के 50 फीसदी वेतन तत्काल दें और बाकी के 50 फीसदी स्थितियां सुधरने के बाद उन्हें वापस मिल जाएं।


जिन कंपनियों को ऐसा करने में भी दिक्कत है उनके लिए नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) और दूसरे वित्तीय संस्थान कम ब्याज पर तात्कालिक रूप से कर्ज की व्यवस्था करेगी।


कोरोना काल में बेद पड़े पर्यटन उद्योग के क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों को भी सरकार ने बैसाख तक 50 फीसदी वेतन तत्काल देने को कहा है। इस उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए भी एनआरबी समेत दूसरे वित्तीय संस्थान कर्ज देंगे।


बड़े बिजनेस घरानों से जुड़े कर्मचारियों को भी वेतन दिलवाने के लिए सरकार ने इनके लिए सस्ते दरों पर कर्ज दिलवाने की बात कही है। इन कंपनियों को फिर से सस्ते दरों पर कर्ज देने के लिए एनआरबी को 100 बिलियन रुपये तक की सीमा बढ़ाए जाने को कहा गया है।


सरकार ने सेंट्रल बैंक से कर्ज अदायगी की समय सीमा बढ़ाने को भी कहा है।


इसके अलावा सरकार ने बिजली बिलों में छूट देने के साथ ही तमाम कंपनियों को अपना बकाया टैक्स देने की समय सीमा 7 जून तक बढ़ा दी है। बिजली, पानी, टेलीफोन बिल भी अब जुलाई तक जमा किए जा सकेंगे।


किसानों के लिए फसलों की ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे में भी 25 फीसदी की रियायत दी गई है। सरकार जमीनी स्तर पर यह भी देखने जा रही है कि मकान मालिकों ने चैत्र महीने का किराया माफ किया या नहीं।