अमेरिका की महिला फुटबॉल टीम को पुरुषों के समान वेतन का समर्थन डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रेसिडेंट पद के प्रस्तावित उम्मीदवार जो बिडेन ने भी किया है। उन्होंने कहा है कि वे राष्ट्रपति बनते हैं, तो टीम की मांग पूरी करेंगे। इससे पहले कोर्ट ने यूनाइटेड स्टेट वुमन सॉकर टीम की समान वेतन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। हालांकि कोर्ट ने यात्रा, आवास और स्वास्थ्य के मुद्दे पर महिला खिलाड़ियों से भेदभाव के खिलाफ सुनवाई की अनुमति दे दी थी। इस पर 16 जून को सुनवाई होगी।
जो बिडेन ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अपनी लड़ाई को मत छोड़ो। इसे जारी रखो। मैं प्रेसीडेंट बनता हूं तो समान वेतन मिलेगा या फिर वर्ल्ड कप फंड के लिए महिला टीम कहीं भी खेलने जा सकेगी।’’ इससे पहले महिला टीम ने समान वेतन कानून के तहत 498 (66 मिलियन डॉलर) करोड़ रुपए दिए जाने की मांग की थी। जिस पर सेंट्रल कैलिफोर्निया की जिला अदालत के जज गैरी क्लूजनर ने याचिका खारिज करते हुए 32 पेज का फैसला दिया था।
खिलाड़ी मायूस, कहा-लड़ाई जारी रहेगी
फैसले से महिला फुटबॉल टीम मायूस है। स्टार खिलाड़ी मेगन रेपिनो ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद भी हम हार नहीं मानेंगे। समान वेतन की मांग को लेकर लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा- फैसला हमारे पक्ष में नहीं है। लेकिन, हम नहीं रुकेंगे। बल्कि संघर्ष जारी रहेगा। टीम की प्रवक्ता मॉली लेविन्सन ने कहा- कोर्ट के फैसले से निराश हैं। लेकिन, लड़कियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
महिला टीम 4 बार वर्ल्ड कप जीती
महिला फुटबॉल टीम ने चार बार वर्ल्ड कप जीता है। पुरुष टीम एक बार भी चैम्पियन नहीं बन पाई है। महिला टीम ने 1991 में पहली बार फुटबॉल वर्ल़्ड कप जीता था। इसके बाद 1999, 2015 और 2019 में भी टीम विश्व चैम्पियन बनी।
2019 में वर्ल्ड कप जीतने पर 45 करोड़ रुपए मिले
अमेरिका की महिला टीम को 2019 में वर्ल्ड कप जीतने पर इनाम के तौर पर 45 करोड़ रुपए मिले थे। जबकि 2018 में वर्ल्ड कप जीतने वाली फ्रांस की पुरुष टीम को 286 करोड़ रूपए और 2014 में विश्व चैम्पियन बनने वाले जर्मनी को 262 करोड़ रुपए मिले थे। जो अमेरिका की महिला टीम को मिली इनामी राशि से करीब 6 गुना है।