शराब ने घरों की शान्ति भंग कर डाली, कांग्रेसी विधायक अपनी सरकार पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने दबाव डाले : धरमलाल कौशिक
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस नेताओं को प्रदेश में शराब के कारोबार को रोकने के लिए दबाव बनाने की चुनौती दी है। कौशिक ने कहा कि इस सम्बन्ध में कांग्रेस नेताओं ने पहले भाजपा शासित राज्यों में शराब के कारोबार को रोकने की बात कहते हुए कहा था कि उसके बाद भाजपा के लोग कांग्रेस सरकार से शराब कारोबार बन्द करने के लिए कहें। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि उत्तरप्रदेश के भाजपा सांसद सत्यदेव पचैरी और साक्षी महाराज सहित भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राज्य में शराब बिक्री की अनुमति देने के फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है। भाजपा नेताओं ने कहा है कि राजस्व संग्रह के लिए लोगों के जीवन के साथ समझौता करना सही नहीं है, क्योंकि शराब बिक्री के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए बेहद मुश्किल है और कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में शराब दुकानें नहीं खोली जानी चाहिए। 

धरमलाल कौशिक ने कहा कि भाजपा में लोकतंत्र अभी मजबूती के साथ कायम है और उसके जनप्रतिनिधियों में अपनी ही सरकार के फैसले पर पुनः समीक्षा करने की बात कहने का नैतिक साहस है। क्या छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़बोले नेताओं, सांसदों और विधायकों में प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ एक शब्द भी बोलने का नैतिक साहस बचा है? प्रदेश कांग्रेस और राज्य सरकार शराब बेचकर अनैतिक कमाई कर रही वही दूसरी ओर केन्द्र सरकार को शराब बिक्री की अनुमति देने के लिए हैं। कोस रही केन्द्र सरकार के खिलाफ मिथ्या प्रलाप करते कांग्रेस नेताओं को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने चुनौती दी है कि यदि बड़ी-बड़ी दुहाई देने के बाद भी कांग्रेस में लोकतंत्र नाम की कोई चीज बची हो तो वे और कांग्रेस के सांसद-विधायक प्रदेश सरकार के शराब दुकानें खोलने के फैसले पर पुनर्विचार करने का दबाव बनाएं। 

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि राजस्व संग्रह के लिए अन्य स्रोतों पर विचार किया जाना चाहिए और शराब बिक्री को ही राजस्व संग्रह का एकमात्र स्रोत नहीं मानना चाहिए, क्योंकि इससे व्यक्तियों के स्वास्थ्य के साथ-साथ समाज का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ता है। उन्होंने कहा कि लॉकडॉउन के समय छत्तीसगढ़ शांति का टापू था लेकिन जैसे ही शराब की बेरोकटोक बिक्री चालू हुई है, प्रदेश अशांत हो चला है। शराब के नशे में जहां अपने माता व पिता की हत्या की घटना सुनाई पड़ी वही शराब ने घरों की शान्ति भंग कर डाली है। यह बहुत ही चिंता की बात है । राज्य सरकार यदि छत्तीसगढ़ की शुभ चिंतक है तो उसे अपनी गं