सुपर स्टार धर्मेंद्र ने बताया Lockdown में जिंदगी जीने का तरीका

मुंबई। अभिनेता धर्मेन्द्र का मानना ​​है कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए हमें जीवन को साधारण तरीके से जीने का महत्व सीखना चाहिए। 84 वर्षीय धर्मेंद्र का मानना ​​है कि लोगों को लॉकडाउन को ‘सकारात्मक’ रूप से लेना चाहिए। अभिनेता ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि लॉकडाउन के कारण कोई प्रदूषण नहीं है, ताजी हवा है, आकाश इतना साफ है, सब कुछ सुंदर दिख रहा है। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई क्योंकि यह हमें उस समय की याद दिलाता है जो हमने जिया है। हम सभी को लॉकडाउन को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं जीवन को इस तरह जी रहा हूं और मैं इसको लेकर बहुत खुश हूं। मैं शहर में तब आया जब काम (फिल्मों की ओर इशारा करते हुए) था और जब नहीं है तो मैं यहां अपने फार्महाउस में खुश हूं। मेरा जन्म खुशियां देने, मनोरंजन करने और सभी को प्रेरित करने के लिए हुआ है।
अभिनेता का मानना ​​है कि यह महामारी मनुष्यों के कृत्यों का परिणाम है और अब जीवित रहने का एकमात्र तरीका प्रकृति के साथ समन्वय में रहना है।


उन्होंने कहा कि यह धरती मां का हमारे चेहरे पर एक बहुत करारा तमाचा है। हमें प्रकृति से प्रेम करने और उसका पोषण करने की आवश्यकता है। यह वायरस हमारे कारण आया है और हम अपने कृत्यों के कारण पीड़ित हैं।


उन्होंने कहा कि मुझे आशा है कि लोग समझेंगे और बहुत-सी अनावश्यक चीजों की कटौती करेंगे और लालची नहीं बनेंगे और जो उनके पास है, उससे खुश रहेंगे। कम हमेशा अच्छा होता है। सादगी जीवन जीने का तरीका होना चाहिए। सभी को इसका पालन करना चाहिए। यह जीवन के लिए एक सबक है। बॉलीवुड की भागदौड़ वाली जिंदगी से दूर धर्मेंद्र अपना ज्यादातर समय लोनावाला के अपने फार्महाउस में बिताते हैं। अभिनेता अक्सर सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर करते हैं जिसमें वे अपने फार्महाउस पर उगाई सब्जियां और फल दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि वे खेती से प्यार करते हैं और अपने सादगी भरे जीवन का आनंद लेते हैं, जो उन्हें सुकून देता है।


अभिनेता भारतीय सिनेमा के दो दिग्गजों - इरफान खान और ऋषि कपूर के निधन से दुखी हैं। उनका मानना ​​है कि मृत्यु अवश्यंभावी है, लेकिन जो लोग विदा हो गए हैं उनके जीवन से सीखना चाहिए।


उन्होंने कहा कि जब किसी परिवार में किसी का जन्म होता है तो हम खुश होते हैं लेकिन जब कोई हमें छोड़कर जाता है तो हम रोते हैं और शोक मनाते हैं। हम मौत से कुछ नहीं सीखते। मेरा मानना ​​है कि हर मौत हमें कुछ सिखाती है। यह प्यार और एकता में रहने के बारे में है लेकिन हम सभी इसे भूल जाते हैं।