उबर 3000 और कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगा, 3700 को पहले ही दिखाया जा चुका है बाहर का रास्ता

नई दिल्ली. ऐप आधारित कैब सेवाएं देने वाली कंपनी उबर ने कोरोना आपदा से निपटने के लिए 3000 और कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है। सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही ने कहा कि कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का यह फैसला काफी कठिन है। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने कुछ नॉन-कोर प्रोजेक्ट्स में निवेश भी घटाएगी।


पहले ही निकाले जा चुके हैं 3700 कर्मचारी


इससे पहले मई की शुरुआत में भी उबर अपने 3700 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है। इसके साथ ही कंपनी अब तक 25 फीसदी स्टाफ को कम कर चुकी है। इसके अलावा कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 45 कार्यालयों को बंद कर दिया है। इसमें सैन फ्रांसिस्को का पियर 70 ऑफिस भी शामिल है। इस ऑफिस में सेल्फ ड्राइविंग कार्स समेत कई प्रकार के प्रयोगात्मक प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी थी। कंपनी अगले 12 महीने में एशिया पैसिफिक के मुख्यालय को सिंगापुर से हटाकर कहीं और शिफ्ट करेगी। एशिया पैसिफिक का मुख्यालय ऐसे बाजार में होगा, जहां कंपनी अपनी सेवाएं देती है।


1 बिलियन डॉलर की बचत होगी


कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन कदमों से लागत में 1 बिलियन डॉलर की कमी आएगी। खोसरोशाही ने कहा कि हमने 2020 में कंपनी को पूरी तरह से लाभ में लाने की दिशा में कदम बढ़ाया था। तभी कोरोना वायरस ने पब्लिक हेल्थ और आर्थिक संकट पैदा कर दिया। उन्होंने कहा कि एक बार इस संकट से निकलने की उम्मीद की किरण दिखेगी तो उबर ईट्स घरों में बैठे लोगों और रेस्टोरेंट्स के लिए महत्वपूर्ण संसाधन के तौर पर उभरेगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि अभी हम खर्चों को कम करने के लिए ईट्स कारोबार को बंद करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।


वीवर्क ने भारत में 100 कर्मचारियों को निकाला


को-वर्किंग फर्म वीवर्क इंडिया ने अपने 100 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। कोरोना आपदा से कारोबार प्रभावित होने के बाद ऑपरेशनल लागत को कम करने के लिए कंपनी ने यह फैसला किया है। वीवर्क इंडिया में करीब 500 कर्मचारी काम करते हैं। कर्मचारियों को निकालने का फैसला जून से प्रभावी होगा। सूत्रों के मुताबिक वीवर्क इंडिया के सीईओ करन वीरवानी ने एक इंटरनल सूचना के जरिए कर्मचारियों को निकालने के फैसले की जानकारी दी है।